किशोर बार - शिरवणे
जब मैं यहाँ पहुंचा तो थोड़ा सहम सा ही गया ! बाहर से किशोर बार एकदम घटिया देशी दारु के गुत्थे की तरह दिख रहा था ! लेकिन मंच पर काफी समीक्षणों का अध्ययन करने से मुझे पता था की हर लेडीज बार को बाहरसे यह ऐसा मुखौटा पेहेनना पड़ता है ! बार का जादुई दरवाजा पार करने पर एक अलग चमकीली दुनिया दिखाई देगी यह मैं जानता था ! अंदर से मैं डरा हुआ था ! मुझे रह रह के लग रहा था की कोई मुझे पहचान ना ले ! उपरसे आजकल यह रेड्स का माहौल ! मेरी हिचकिचाहट देख के सड़क पर कुछ लोग मेरी तरफ संदिग्ध नज़रों से देखने लगे थे ! इस बात का एहसास होते ही मैंने वहां से कटने की ठान ली ! लेकिन फिर सोचा की आज भागा तो पता नहीं फिर कब मौका मिलेगा ! मुंबई में आने जाने का मौका रोज़ तो नहीं मिलता !
धैर्य बनाकर मैं सीधा किशोर बार के दरवाजे के पार घुस गया ! अंदर जाते ही समझा के अंदर से भी यह बार उतना ही अस्वच्छ है जितना बहार से ! संगीत की आवाज़ मेरे कानों पर आघात सा करने लगी ! कुछ लडकियां नाच रही थी और कुछ ग्राहकों के साथ बैठी हुई थी ! एक आदमी गर्दन कटे हुए मुर्गे की तरह कुछ अजीबसी नृत्य-सदृश्य हरकतें कर रहा था ! मैं अंदर चला गया ! उतनेमें एक वेटरने आके मुझे पकड़ लिया और एक कक्ष में बिठा दिया ! सब लोग अपनी बारबालाओं के साथ मजा कर कहे थे ! कुछ लडकियां खाली-हाथ घूम रही थी ! कुछ ने मेरी तरफ देखा ! आँखों से आँख मिलाने की कोशिश की ! लेकिन बारमें कन्याओं की मात्रा कम और चाचियों की ज्यादा नजर आ रही थी ! मैं उनसे अपनी आँखें चुराते हुए यहाँ वहां देख रहा था ! आखिर वेटरने मेरी झिझक को पहचान लिया और खुद पहल करके कुछ लडकियां दिखाने लाया !
कुछ समय पश्चात मैंने अपने आप को एक लड़की और एक झिंगुर (cockroach) के बीचमें बैठा हुआ पाया ! मैंने इसी मंच पे सीखे हुवे पैतरों को आजमाना चालु कर दिया ! लड़की की प्रतिक्रया तो ठीक ही थी, पर लड़की से ज्यादा उत्तेजित हो रहा था वह हरामी झिंगुर ! बार बार मेरे सिंगदानों के पास आ रहा था ! २-३ बार उसको झटकने के बाद मैंने हार मान ली और सारा चकना उसी के सुपुर्द कर दिया ! लड़की ठीक ठाक सहयोग दे रही थी ! शायद बांग्लादेशी थी ! एक दफा तो उसके हिंदी उच्चार और व्याकरण के प्रति उदासीनता देखकर ऐसा लगा की "लड़की गई तेल बेचने, मैं निकल जाता हूँ यहाँ से" ! लेकिन उसने अपने टी-शर्ट ऊपर करके मुझे अंदर टटोलने का मौका दिया ! फिर मैंने सोचा "व्याकरण गया तेल बेचने".
लड़कीने मुझे उसके कुछ दोस्तोंसे भी मिलवाया ! जब मैंने लॉज के बारे में पूछा तो उसने इंकार कर दिया ! बोली उसका महीना चल रहा है ! पता नहीं कितना सच बोल रही थी ! फिर उसने फ़ोन पे कुछ लड़कियों के फोटो दिखाए ! बोली की यह आज जाने को तैयार हो जाएंगी ! मुझे उनमे से कोई ख़ास पसंद तो नहीं आई ! लेकिन एक नेपाली लड़की (पूजा थापा) को देख के मेरी नियत पलट गयी !
अब मुझे पता है के इस मंच पे प्रचलित विचारधारा के अनुसार किसीभी नृत्यांगना को पहली भेंट में लॉज पे ले जाना मतलब किसी मृत मछली के साथ संभोग करने जैसे होता है ! लेकिन समय की काफी कमी है मेरे पास ! कुछ ही दिन बचे हैं मुंबई में ! इसलिए सोचा थोड़ी यह भी जोखिम उठा लूं ! मृत मछली ही नसीब में है तो वही सही ! कमसे कम मछली तो मिलेगी !
मंच के वरिष्ठ सभासदों से दरख्वास्त है की अपने तजुर्बे का लाभ मुझे देकर सिर्फ इतना मार्गदर्शन तो कर दें की कम से कम वह मृत मछली व्हाइट शार्क या सुरमई तो निकलें !
एकदम बोम्बिल या मांदेली के साथ मत फसा देना !
आपमें से कोई किशोर बार से इन मोहतरमा (पूजा थापा) को कभी संभोग के लिए ले गया हो तो कृपया अपना अभिप्राय मुझे जरूर दें !